Saturday, December 23, 2017

हिन्दुओ को जातियों में बांटने और हिन्दू समाज को कमजोर करने का मीडिया ने खेल शुरू कर दिया है

हिन्दुओ को जातियों में बांटने और हिन्दू समाज को कमजोर करने का मीडिया ने खेल शुरू कर दिया है, कोई भी मीडिया पीछे नहीं है, बता दें की गुजरात में चुनाव होने वाले है, और गुजरात में हिन्दू अपनी एकजुटता के लिए पहचान बना चूका है पिछले कई दिनों से गुजरात में जातिवाद का जहर घोलकर हिन्दू समाज को कमजोर करने की साजिशें की गयी, पटेल नेता पैदा किया गया, दलित नेता पैदा किया गया, OBC नेता पैदा किया गया और ये सभी अब कांग्रेस समर्थक हो गए, अल्पेश ठकोर कांग्रेस में शामिल हो गया और हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया और अब मीडिया भी घृणित तरीके से गुजरात में हिन्दुओ में जातिवाद का जहर घोलने  में पूरी तरह लग गयी है, हर मीडिया चैनल डिबेट के दौरान गुजरात में कुछ इस प्रकार जातीय समीकरण बता रहा है, जरा ध्यान दीजिये दलित - 15% आदिवासी - 7% सामान्य वर्ग 20% पटेल - 18% OBC - 23% और मुसलमान 9%

आप मीडिया का खेल समझिये, हिन्दू को तो मीडिया ने कई जातियों में बाँट दिया और अब हिन्दू लड़ता रहे की किस जाती का मुख्यमंत्री बनाना है, हम तो जी अपनी जाति के साथ है, हमारी जातीय शक्ति ये है, हिन्दू इसी प्रकार लड़ता रहे मीडिया ने हिन्दुओ को गुजरात से गायब ही कर दिया, हिन्दू कहीं भी नहीं है पटेल है, सामान्य वर्ग है दलित है सब है हिन्दू नहीं है, पर मीडिया ने मुसलमानो को 9% बताया, मीडिया मुसलमानो को सुन्नी शिया अहमदिया बरेलवी देववंदी में नहीं बाँट रही, मीडिया मुसलमानो को 9% बता रही है, मुसलमान तो गुजरात में है पर हिन्दू को मीडिया ने जातियों में बाँट दिया, मीडिया हिन्दू 89% क्यों नहीं बता रही, क्यूंकि ऐसा बताने से हिन्दू को जातिवाद में कैसे तोडा जायेगा, हिन्दू  समाज को मीडिया सेकुलरों और वामपंथियों का ये खेल समझ लेना चाहिए

धर्म निरपेक्षता का छद्म चेहरा

धर्म निरपेक्षता का छद्म चेहरा ---
टाइम्स ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू में केरल की #आथिरा ने #हिंदूसे #मुस्लिम
बनने और फिर गलती का एहसास होने के बाद दोबारा हिंदू बनने की पूरी दास्तां बया
की है -----

#हिन्दुओं माफ़ कर देना, आपकी बातें नहीं मानी थी .. वापस आ रही हूँ, अपना लेना
मुझे....

वो केवल २३ साल की थी . उस पर निशाना बना लिया गया की कैसे भी इसको बनाना है
मुसलमान. उसका नाम था अथिरा जो एक हिन्दू के घर जन्म ली थी . उसके माता पिता
ने सदा से ही धर्म निरपेक्षता का पालन किया था. उन्होंने हमेशा से समझाया था
की बेटी सभी बराबर होते हैं. सभी समान होते हैं आदि आदि. वो जब भी मुस्लिमो के
बीच में जाती तो उनके धर्म निरपेक्ष माता पिता उनका बुरा नहीं मानते थे क्योकि
वो सभी धर्म एक जैसे के सिद्धांत पर चलते थे ....

इसी राह में कुछ लोगों को मिल गयी धर्मांतरण की खुशबू और उन्होंने बिछा दिया
अपना जाल . उस लड़की को जिसने दुनिया तो दूर केरल भी नहीं देखा था ठीक से उसको
सपने दिखाए जाने लगे दूसरी दुनिया के और उसको तमाम मज़हबी ग्रंथ दिए जाने लगे .
इन सबके पीछे वही PFI काम कर रहा था जिसके मंच पर हामिद अंसारी दिखे थे .
अचानक ही उसने अपने आपको अथिरा से से आयशा कहना शुरू कर दिया और खुल कर बता
दिया था की वो अब इस्लाम कबूल कर चुकी है . उसके घर वालों के लिए ये बेहद
चौकाने वाला था क्योकि उन्होंने ये नहीं सोचा था की धर्मनिरपेक्षता का फल ये
मिलेगा उन्हें ..
वो अथिरा केरल में कसारागोड ज़िले के उदुमा की रहने वाली थी. वहीँ से वो ज़िला
सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी जहाँ से वो धर्मपरिवर्तकों के
निशाने पर आ गयी और बन गयी मज़हबी कट्टरपंथियों के हाथ की खिलौना. अथिरा ने खुल
कर कहा की इसके पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों का हाथ है.
खुद अथिरा ने स्वीकार किया की उसको सबसे पहले उसके ही उन दोस्तों ने मुसलमान
बनने के लिए प्रेरित किया जो उसके सबसे पुराने साथी थे. उसके बाद वो तमाम
किताबों से उसको ब्रेनवाश करने लगे थे और हिन्दुओं में तमाम देवी देवताओं आदि
की बुराईयां बता कर उसको सिर्फ और सिर्फ इस्लाम के बारे में सोचने के लिए
प्रेरित करने लगे. इतना ही नहीं धीरे धीरे उसको इस्लामिक मजहबी लोगो के भाषणों
में ले जाने लगे ...
मीडिया से बात करती हुई अथिरा ने कहा की वो बेहद शर्मिंदा है और वो वापस अपने
सत्य सनातन की शरण में आ रही है. अथिरा ने बताया की उसको हिन्दू संगठनों की
बाते बुरी लगती थी पर अब वो एक एक बातें सत्य हैं. वो अपने मूल धर्म में वापस
आ रही है और जिस जिस हिन्दू को उसके कार्यों से आघात लगा हो वो उनसे क्षमा
मानती है. वो आगे से अपने माता पिता की ही मर्जी से चलेगी. उसने बताया की उसकी
सबसे ख़ास सहेल अनीसा का जो भाई था सिराज उसी ने सबसे पहले उसको इस्लाम की तरफ
ले जाना शुरू किया था. उसने अपनी तमाम झूठी और नकली बातों में उसको ऐसे फंसाया
की उसने अपना घर तक और धर्म तक छोड़ दिया.

MOST HATED PRIME MINISTER

By Muralidharan Sivalingam

This was long overdue! Thanks Tathagata Banerjee for triggering me to write
this!

REASON WHY MODI IS THE MOST HATED PRIME MINISTER EVER IN INDIA!

1. Abu Saleem in prison! 1993 case finally closed!

2. Sasikala in prison!

3. Ram Rahim in prison, again 2002 case!

4. Finance Ministry knows exactly the quantum of black money which was
circulated, who are the culprits, the ISI printed & black currency never
came in as it's being discovered as junked!

5. Corruption has been eradicated in the South and North blocks!

6. Aadhar will control every citizen going forward!

7. 10 lakh bogus ration cards destroyed!

8. 1,00,000 gas connections surrendered!

9. Triple Talaq abolished!

10. India relation with US and BRICS countries at it best, got Pakistan
listed as terror state!

11. 45 lakh new income tax assessees​!

12. GST for single point taxation, removed the concept of sales tax check
posts shortening travel time for trucks, has brought in most of the
unregulated business under the tax purview and saved millions of gallons of
fuels wasted at sales tax check posts!

13. Kashmir clean up almost getting to closing point with terror funding
abolished by NIA raids and Jihadist being terminated

14. Money laundered to Christian conversion missionaries have been blocked!

15. 70% of India Safronized  which will help faster decisions and
uniformity in policies across India!

16. 30 lakh money laundering NGO's checked!

17. MEA successfully brings in refugees negotiating with many Islamic
countries!

18. China in the verge of war has been tamed, checkmated and sent back!

19. Islamic refugees from Myanmar stopped!

20. NEET brings in fairness, destroys 25-50 Lakhs capitation fees,
uniformity in medical opportunities and checks quota misuse!

21. Cattle markets regulated!

22. 2G, National Herald and Sunanda verdicts soon!

23. Defense strengthened with new high-tech equipments from US and Israel!

Tightening, Cleaning and Putting checks in the system almost complete!
Going forward it will be performance Delivery! "Acche Din" not far away!

But if you are separatist, commie, anti national, anti hindu and minority
rebel, forget the above and find a new reason to abuse Modi! Else you may
not get sleep!

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हिन्दू क्यों मिट गया ?

🌎जो हिन्दू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबों सालों से सनातन धर्म है और इसे कोई
नही मिटा सकता, मै उन्हें bas itna kehna cahuga ki plz 2 minutes ka samay
nikal kar jara is post ko zaror padhe

🌎आखिर अफगानिस्तान से हिन्दू क्यों मिट गया ?🌏

🌎"काबुल" जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर
नहीं बचा l🌏

"गांधार" जिसका विवरण महाभारत में है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम
कंधार हो चुका है, और वहाँ आज एक भी हिन्दू  नहीं बचा l

"कम्बोडिया" जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर
"अंकोरवाट" बनाया, आज वहाँ भी हिन्दू नहीं है l

"बाली द्वीप" में 20 साल पहले तक 90% हिन्दू थे, आज सिर्फ 20% बचे हैं l

"कश्मीर घाटी" में सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे, आज एक भी हिन्दू नहीं बचा l

"केरल" में 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओं की थी, आज सिर्फ 10% हिन्दू
केरल में हैं l

"नोर्थ ईस्ट" जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि में हिन्दू हर रोज मारे या
भगाए जाते हैं, या उनका धर्म परिवर्तन हो रहा है l

मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम
नहीं था, सिर्फ पारसी रहते थे l

जब पारस पर मुस्लिमों का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े - बुजुर्ग अपने
नौजवान को यही सिखाते थे कि हमें कोई मिटा नहीं सकता, लेकिन ईरान से सारे के
सारे पारसी मिटा दिये गए l

धीरे - धीरे उनका कत्लेआम और धर्म - परिवर्तन होता रहा l

एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नौसारी जिले के उद्वावाडा गांव
मे पहुंचे, और आज पारसी सिर्फ भारत में ही गिनती की संख्या में बचे हैं l

हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं……
आज तक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट अब हिन्दुओं पर आने वाला है l

ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमों के 56 देश हैं l

और हिन्दुओं का एक मात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा l

मैंने 10 लोगों को जो कि हिन्दू हैं, उनसे पूछा कि किस जाति के हो ?

सभी ने अलग - अलग जवाब दिया……
किसी ने कहा राजपूत…
किसी ने कहा ब्राम्हण…
किसी ने कहा जाट…
किसी ने जैन कहा…
तो किसी ने अग्रवाल…… सब लोगों ने अलग - अलग बताया l

लेकिन मैंने 10 मुसलमानोँ से पूछा कि कौन सी जाति के हो ?

सभी का एक जवाब आया…… "मुसलमान"

मुझे बड़ा अजीब लगा, मैंने फिर से पूछा, फिर वही जवाब आया…… "मुसलमान"

तब मुझे बहुत अफसोस हुआ, और लगा हम कितने अलग और वो कितने एक……

कुछ समझ में आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहिए……
॥ हिन्दू ॥

और अगर आप "हिन्दू" होने का गर्व करते हो तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह
मैसेज मुझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले l

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में एक मुस्लिम भाई ने जनहित याचिका डाली थी कि
पड़ोसी मुल्क में हज करने के लिए सब्सिडी मिलती है तो हमें भी मिलनी चाहिए l

पाकिस्तान कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये कहा कि "कुरान" और "हदीस"
के हिसाब से हज पसीने की कमाई से करना पड़ता है, दूसरों की कमाई से नहीं l

सब्सिडी इस्लाम के खिलाफ है, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से भारतीय
मुसलमानों को मिल रही सब्सिडी हराम है l

क्या नेता इस पर कुछ टिप्पणी देंगे ?

अजीब कानून है भैया……
गाय का चारा खाया तो जेल भेज दिया……
और जो गाय को खा रहा है उसको हज के लिए भेजते हो l

ये जो नीचे लिखा है वो कोई मज़ाक नहीं है, कल ये आपके शहर में भी हो सकता है l

अगर ये अमेरिका, जापान या फिर चाइना में हुआ होता तो इन शांतिप्रिय मजहब वालों
को काट कर गटर में फेंक देते l

कुछ दिन पहले NDTV के रवीश कुमार ने RSS के सिन्हा सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा
था कि अगर देश में मुस्लिम ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ?

इसका एक प्रायोगिक उत्तर कल के एक वाकये ने दिया l

मुस्लिम बाहुल्य "काश्मीर विश्वविद्यालय" में एक फिल्म "हैदर" की शूटिंग चल
रही थी, उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया, और
कलाकारों को जय हिन्द बोलना पड़ा l

इतना होना था कि विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े l

फिल्म का सेट तोड़ दिया गया, काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर
निकाला जा सका l

तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिन्द पर आपत्ति इस सबका कारण थी l

पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया
गया l

ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं, विश्वविद्यालय के छात्र थे l

हाथ जोड़ के विनती है, इसे शेयर करें ये कोई छोटी खबर नहीं है l

ये हमारे देश के सम्मान की बात है एक सुन्दर संवाद……
(एक बार ज़रूर पढ़ें )

बी एस सी के छात्र का कॉलेज का पहला दिन……
(गले में बड़े-बड़े रुद्राक्ष की माला)
प्रोफेसर-- बड़े पंडित दिखाई देते हो, लेकिन कॉलेज में पढ़ाई लिखाई पर ध्यान
दो…… पूजा पाठ घर में ही ठीक है l
(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते हैं)
छात्र (विनम्रता से)-- सर, आप मेरे गुरु हैं, और सम्माननीय भी इसलिए आपकी
आज्ञा से ही कुछ कहना चाहूँगा l

शिक्षक कहते हैं-- बोलो ?
छात्र-- सर, जब ऐसे छोटे कॉलेज छोड़िये आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में
मुस्लिम छात्र दाढ़ियाँ बढ़ाकर या टोपी चढ़ाकर जाते हैं और कितनी भी बड़ी लेक्चर
हो क्लास छोड़कर नमाज़ के लिए बाहर निकल जाते हैं तो शिक्षकों को वो धर्मनिष्ठता
लगती है l

जब क्रिश्चियन छात्र गले में बड़े बड़े क्रॉस लटकाकर घूमते हैं तो वो
धर्मनिष्ठता हैं, और ये उनके मजहब की बात हुई l

और आज आपके सामने इसी क्लास में कितनी ही लड़कियों ने बुर्का पहना है, और कितने
ही बच्चों ने जाली - टोपी चढ़ा रखी है तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा तो आखिर
मेरी गलती क्या है ?
क्या बस इतना कि मैं एक हिंदू हूँ l

शिक्षक क्लास छोड़कर बाहर चला गया ।

आँखों से पर्दा हटाओ दोस्तों और मशाल जलाओ  ज्यादा से ज्यादा ये पोस्ट फैलानी है l

बालीवुड‬ और टीवी सीरियल के नजरिए से ‪हिन्दू‬ को कैसे देखा जाता है एक झलक

**बालीवुड‬ और टीवी सीरियल के नजरिए से ‪हिन्दू‬ को कैसे देखा जाता है एक
झलक:----

*ब्राह्मण* - ढोंगी पंडित, लुटेरा,
*‪राजपूत* - अक्खड़, मुच्छड़, क्रूर, बलात्कारी
*वैश्य या साहूकार* - लोभी, कंजूस,
*गरीब हिन्दू दलित* - कुछ पैसो या शराब की लालच में बेटी को बेच देने वाला
चाचा या झूठी गवाही देने वाला
*सिक्ख*- जोकर आदि बनाकर मजाक उड़ाना
*जाट* खाप पंचायत का अड़ियल बेटी और बेटे के प्यार का विरोध करने वाला और
महिलाओं पर अत्याचार करने वाला

जबकि दूसरी तरफ

वही दूसरी और
*मुस्लिम* - अल्लाह का नेक बन्दा, नमाजी, साहसी, वचनबद्ध, हीरो-हीरोइन की मदद
करने वाला टिपिकल रहीम चाचा या पठान।

*ईसाई* - जीसस जैसा प्रेम, अपनत्व, हर बात पर क्रॉस बना कर प्रार्थना करते
रहना।

ये बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर्फ हमारे धर्मं, समाज और संस्कृति पर घात करने का
सुनियोजित षड्यंत्र है और वह भी हमारे ही धन से ।
*हम हिन्दू और सिक्ख अव्वल दर्जे के CARTOON बन चुके हैं।*

क्योंकि ये कभी वीर हिन्दू पुत्रों महाराणा प्रताप ,गुरु गोविन्द सिंह गुरु
तेग बहादुर
चन्द्रगुप्त मौर्य ,अशोक,
विक्रमादित्य,  वीर शिवाजी संभाजी राणा साँगा, पृथ्वीराज की कहानी नहीं बता
सकते।

कभी गहराई से विचार कीजियेगा…!!

अगर यही बॉलीवुड देश की संस्कृति सभ्यता दिखाए ..
तो सत्य मानिये हमारी युवा पीढ़ी  अपने रास्ते से कभी नहीं भटकेगी...
समझिये ..जानिए और आगे बढिए...

ये संदेश उन हिन्दू  छोकरों के लिए है
जो फिल्म देखने के बाद
गले में क्रास मुल्ले जैसी छोटी सी दाड़ी रख कर
खुद को मॉडर्न समझते हैं
हिन्दू नौजवानों के रगो में धीमा जहर  भरा जा रहा है
फिल्म जेहाद
*************
सलीम - जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मों को देखे, तो उसमें आपको अक्सर बहुत
ही चालाकी से हिन्दू धर्मं का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई / साईं बाबा को महान
दिखाया जाता मिलेगा. इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य
होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते
है.

फिल्म "शोले" में धर्मेन्द्र भगवान् शिव की आड़ लेकर "हेमामालिनी" को प्रेमजाल
में फंसाना चाहता है जो यह साबित करता है कि - मंदिर में लोग लडकियां छेड़ने
जाते है. इसी फिल्म में ए. के. हंगल इतना पक्का नमाजी है कि - बेटे की लाश को
छोड़कर, यह कहकर नमाज पढने चल देता है.कि- उसे और बेटे क्यों नहीं दिए कुर्बान
होने के लिए.

"दीवार" का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान् का प्रसाद तक नहीं खाना
चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो
बिल्ला भी बार बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है. "जंजीर" में भी अमिताभ
नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है लेकिन शेरखान एक सच्चा
इंसान है.

फिल्म 'शान" में अमिताभ बच्चन और शशिकपूर साधू के वेश में जनता को ठगते है
लेकिन इसी फिल्म में "अब्दुल" जैसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे
देता है. फिल्म "क्रान्ति" में माता का भजन करने वाला राजा (प्रदीप कुमार)
गद्दार है और करीमखान (शत्रुघ्न सिन्हा) एक महान देशभक्त, जो देश के लिए अपनी
जान दे देता है.

अमर-अकबर-अन्थोनी में तीनों बच्चों का बाप किशनलाल एक खूनी स्मग्लर है लेकिन
उनके बच्चों अकबर और अन्थोनी को पालने वाले मुस्लिम और ईसाई महान इंसान है.
साईं बाबा का महिमामंडन भी इसी फिल्म के बाद शुरू हुआ था. फिल्म "हाथ की सफाई"
में चोरी - ठगी को महिमामंडित करने वाली प्रार्थना भी आपको याद ही होगी.

कुल मिलाकर आपको इनकी फिल्म में हिन्दू नास्तिक मिलेगा या धर्मं का उपहास करता
हुआ कोई कारनामा दिखेगा और इसके साथ साथ आपको शेरखान पठान, DSP डिसूजा,
अब्दुल, पादरी, माइकल, डेबिड, आदि जैसे आदर्श चरित्र देखने को मिलेंगे. हो
सकता है आपने पहले कभी इस पर ध्यान न दिया हो लेकिन अबकी बार ज़रा ध्यान से
देखना.

केवल सलीम / जावेद की ही नहीं बल्कि कादर खान, कैफ़ी आजमी, महेश भट्ट, आदि की
फिल्मों का भी यही हाल है.  फिल्म इंडस्ट्री पर दाउद जैसों का नियंत्रण रहा
है. इसमें अक्सर अपराधियों का महिमामंडन किया जाता है और पंडित को धूर्तं,
ठाकुर को जालिम, बनिए को सूदखोर, सरदार को मूर्ख कामेडियन, आदि ही दिखाया जाता
है.

"फरहान अख्तर" की फिल्म "भाग मिल्खा भाग"  में "हवन करेंगे" का आखिर क्या मतलब
था ? pk में भगवान् का रोंग नंबर बताने वाले आमिर खान क्या कभी अल्ला के रोंग
नंबर 786 पर भी  कोई फिल्म बनायेंगे ? मेरा मानना है कि - यह सब महज इत्तेफाक
नहीं है बल्कि सोची समझी साजिश है एक चाल है ।
बहुत हो चुका मजाक अब और नहीं अब आर या पार।

यदि सहमत हों तो सर्वत्र फैलायै⛳🕉⛳🕉⛳🙏⛳🙏⛳🙏⛳🙏

Ongoing Population Jihad against the World by increasing population.