इस बार का बिहार के विधानसभा का चुनाव बिहार तथा देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बिहार तथा देश का भविष्य तय करेगा।
- बिहार में अभी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं उसे लालू प्रसाद यादव के दल का समर्थन है तथा पर्दे के पीछे से कांगेस पार्टी समर्थन है।
- नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार का कुछ भी विकास नहीं हुआ है, बिहार कल भी गरीब था आज भी बिहार गरीब है।
- नीतीश के शासनकाल में मुस्लिम तुष्टीकरण बहुत ही बढ़ा गया है, नीतीश सरकार मुसलमानों के तुष्टीकरण में लगी हुई हैं।
- बिहार के गांवों में बिजली की नहीं है, पीने का पानी भी नहीं है, ,बच्चों के लिए स्कूल तथा कालेज नहीं है। जो स्कूल भवन है वह भी जर्जर है। स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं होती है।
- बिहार के सड़कें जर्जर है उसपर चलना मुश्किल है पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता से वायदा किया था अगर सत्ता मिलती है तो बिहार के हर गावों में बिजली पहुंचा देंगे और 24घंटे बिजली मिलेगी लेकिन 24घंटे तो दूर गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंचीं है। नीतीश कुमार ने यह भी कहा था की अगर गांवों में बिजली नहीं देने सकें तो जनता से दोबारा वोट नहीं मागने नहीं आयेगें।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेशर्मी देखिये कि बिजली देने के वादे पूरे नहीं होने के बाद भी वह इस साल 2015 को होने वाले चुनाव में जनता से वोट मांगने आ गये।
- नीतीश कुमार (जदयू) के दोनों साथी कांग्रेस और राजद (राष्ट्रीय जनता दल) अकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त दल है। अगर नीतीश कुमार फिर से बिहार का शासन संभालते हैं तो ये दोनों दल बिहार को फिर से जंगल राज्य में बदल देंगे। चारों ओर जनता के घन का लूट-खसोट, भ्रष्टाचार, जनता पर अत्याचार, अनाचार, दुराचार बढ़ जायेगा।
- अगर बिहार को जंगल राज्य होने से बचाना है तो जदयू +राजद +कांग्रेस+वामपंथी को बिहार के विधानसभा चुनाव में वोट न दे।
- हिन्दू जात-पात को छोड़कर बिहार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जितना है भाजपा ही वह पार्टी है जो बिहार को तथा बिहार की जनता को सुशासन,सुरक्षित,पारदर्शी, तथा विकासमुख सरकार दे पायेगी।
- हिन्दुओं बिहार के विधानसभा चुनाव में कमल पर बटन दबाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जितना है, क्योंकि मुस्लमान तो एकजुट होकर गैर भाजपा दल को वोट देंगें।