Saturday, December 23, 2017

धर्म निरपेक्षता का छद्म चेहरा

धर्म निरपेक्षता का छद्म चेहरा ---
टाइम्स ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू में केरल की #आथिरा ने #हिंदूसे #मुस्लिम
बनने और फिर गलती का एहसास होने के बाद दोबारा हिंदू बनने की पूरी दास्तां बया
की है -----

#हिन्दुओं माफ़ कर देना, आपकी बातें नहीं मानी थी .. वापस आ रही हूँ, अपना लेना
मुझे....

वो केवल २३ साल की थी . उस पर निशाना बना लिया गया की कैसे भी इसको बनाना है
मुसलमान. उसका नाम था अथिरा जो एक हिन्दू के घर जन्म ली थी . उसके माता पिता
ने सदा से ही धर्म निरपेक्षता का पालन किया था. उन्होंने हमेशा से समझाया था
की बेटी सभी बराबर होते हैं. सभी समान होते हैं आदि आदि. वो जब भी मुस्लिमो के
बीच में जाती तो उनके धर्म निरपेक्ष माता पिता उनका बुरा नहीं मानते थे क्योकि
वो सभी धर्म एक जैसे के सिद्धांत पर चलते थे ....

इसी राह में कुछ लोगों को मिल गयी धर्मांतरण की खुशबू और उन्होंने बिछा दिया
अपना जाल . उस लड़की को जिसने दुनिया तो दूर केरल भी नहीं देखा था ठीक से उसको
सपने दिखाए जाने लगे दूसरी दुनिया के और उसको तमाम मज़हबी ग्रंथ दिए जाने लगे .
इन सबके पीछे वही PFI काम कर रहा था जिसके मंच पर हामिद अंसारी दिखे थे .
अचानक ही उसने अपने आपको अथिरा से से आयशा कहना शुरू कर दिया और खुल कर बता
दिया था की वो अब इस्लाम कबूल कर चुकी है . उसके घर वालों के लिए ये बेहद
चौकाने वाला था क्योकि उन्होंने ये नहीं सोचा था की धर्मनिरपेक्षता का फल ये
मिलेगा उन्हें ..
वो अथिरा केरल में कसारागोड ज़िले के उदुमा की रहने वाली थी. वहीँ से वो ज़िला
सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी जहाँ से वो धर्मपरिवर्तकों के
निशाने पर आ गयी और बन गयी मज़हबी कट्टरपंथियों के हाथ की खिलौना. अथिरा ने खुल
कर कहा की इसके पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों का हाथ है.
खुद अथिरा ने स्वीकार किया की उसको सबसे पहले उसके ही उन दोस्तों ने मुसलमान
बनने के लिए प्रेरित किया जो उसके सबसे पुराने साथी थे. उसके बाद वो तमाम
किताबों से उसको ब्रेनवाश करने लगे थे और हिन्दुओं में तमाम देवी देवताओं आदि
की बुराईयां बता कर उसको सिर्फ और सिर्फ इस्लाम के बारे में सोचने के लिए
प्रेरित करने लगे. इतना ही नहीं धीरे धीरे उसको इस्लामिक मजहबी लोगो के भाषणों
में ले जाने लगे ...
मीडिया से बात करती हुई अथिरा ने कहा की वो बेहद शर्मिंदा है और वो वापस अपने
सत्य सनातन की शरण में आ रही है. अथिरा ने बताया की उसको हिन्दू संगठनों की
बाते बुरी लगती थी पर अब वो एक एक बातें सत्य हैं. वो अपने मूल धर्म में वापस
आ रही है और जिस जिस हिन्दू को उसके कार्यों से आघात लगा हो वो उनसे क्षमा
मानती है. वो आगे से अपने माता पिता की ही मर्जी से चलेगी. उसने बताया की उसकी
सबसे ख़ास सहेल अनीसा का जो भाई था सिराज उसी ने सबसे पहले उसको इस्लाम की तरफ
ले जाना शुरू किया था. उसने अपनी तमाम झूठी और नकली बातों में उसको ऐसे फंसाया
की उसने अपना घर तक और धर्म तक छोड़ दिया.

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